संसाधन किसे कहते हैं परिभाषा, प्रकार, महत्व | Sansadhan Kise Kahate Hain

संसाधन किसे कहते हैं परिभाषा, प्रकार, महत्व | Sansadhan Kise Kahate Hain

नमस्कार दोस्तों, आज की इस लेख में आपका स्वागत हैं। आज की इस लेख में आप जानेंगे की संसाधन किसे कहते हैं [ Sansadhan Kise Kahate Hain ] इसकी परिभाषा, प्रकार और महत्त्व को आप समझेंगे। आइये इस लेख को पढ़ते हैं और जानते हैं इसकी परिभाषा:

संसाधन किसे कहते हैं परिभाषा, प्रकार, महत्व | Sansadhan Kise Kahate Hain

संसाधन किसे कहते हैं [ Sansadhan Kise Kahate Hain ]

संसाधन की परिभाषा: हमारे पर्यावरण में उपस्थित प्रत्येक वस्तू, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करने में प्रयोग की जा सकती है या कुछ ऐसे साधन जिनको तकनीक की सहायता से अपनी आवश्यकता को पूरा किया जा सके ऐसी साधनों को हम संसाधन कहते हैं।
संसाधन के कुछ उदाहरण: मिट्टी, वायु, पानी, स्कूल बैग, टिफिन।

संसाधनों के प्रकार [ Sansadhano Ke Prakaar ]

संसाधनों को मुख्यत: दो भागों में बाँटा गया हैं।
1. प्राकृतिक संसाधन
2. मानव – निर्मित संसाधन

प्राकृतिक संसाधन किसे कहते हैं [ Prakritik Sansadhan Ki Paribhasha ]

प्रकृति से प्राप्त वे सभी संसाधन, जो अधिक संसोधन के बिना प्रयोग में लाए जाते हैं, प्राकृतिक संसाधन कहलाते है।जैसे-वायु, नदी का जल, मृदा इत्यादि।

मानव निर्मित संसाधन की परिभाषा [ Manav Nirmit Sansadhan Ki Paribhasha ]

मानव निर्मित संसाधन की परिभाषा: प्रकृति में उपस्थित वे अपने बुद्धि कौशल तथातकनीक की सहायता से संसाधन के रूप में मानव निर्मित संसाधन कहलाते हैं। जैसे-कार, स्कूल बैग, फर्नीचर इत्यादि।

उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं
1. जैव संसाधन
2. अजैव संसाधन

जैव संसाधन किसे कहते हैं [ Jaiv Sansadhan Kise Kahate Hain ]

जैव संसाधन की परिभाषा: ऐसे संसाधन जिनमे जीवन उपस्थित हो ऐसे संसाधन को जैव संसाधन कहते हैं। जैसे-मनुष्य, वनस्पति, पशुधन, इत्यादि।

अजैव संसाधन की परिभाषा [ Ajaiv Sansadhan Ki Paribhasha ]

अजैव संसाधन की परिभाषा: वे संसाधन जिसमे जीवन उपस्थित नहीं होता हैं या जो निर्जीव होते हैं ऐसे पदार्थों को हम अजैब संसाधन कहते है जैसे-मिट्टी, हवा, धातु, पत्थर इत्यादि।

पुन: आपूर्ति के आधार पर संसाधनों के प्रकार
पुनः आपूर्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं।
1- नवीकरणीय संसाधन
2- अनवीकरणीय संसाधन

नवीकरणीय संसाधन की परिभाषा [ Naveekarneey Sansadhan ki paribhasha ]

वे संसाधन जिनकी पूर्ति हमेशा होती रहेगी अर्थात वे कभी नष्ट नहीं होगें। जैसे: सौर उर्जा, पवन उर्जा, जल विद्युत् इत्यादि ।

अनवीकरणीय संसाधन की परिभाषा [ Anaveekarneey Sansadhan ki paribhasha ]

वे संसाधन जिनका निर्माण प्रक्रिया बहुत धीमी है, तथा इनकी माँग अधिक होने पर इनके समाप्त होने का संकट बना रहता है। ऐसे संसाधन को अनवीकरणीय संसाधन कहते हैं।

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प्रश्न: अनवीकरणीय संसाधन किसे कहते हैं?

उत्तर: वे संसाधन जिनका निर्माण प्रक्रिया बहुत धीमी है, तथा इनकी माँग अधिक होने पर इनके समाप्त होने का संकट बना रहता है। ऐसे संसाधन को अनवीकरणीय संसाधन कहते हैं।

प्रश्न: पुन: आपूर्ति के आधार पर संसाधनों के कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर: पुनः आपूर्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं।
1- नवीकरणीय संसाधन
2- अनवीकरणीय संसाधन

प्रश्न: उत्पत्ति के आधार पर संसाधन कितने प्रकार के होते हैं

उत्तर: उत्पत्ति के आधार पर संसाधन दो प्रकार के होते हैं
1. जैव संसाधन
2. अजैव संसाधन

इस लेख के बारे में:

मुझे उम्मीद है कि आप सभी को हमारे द्वारा लिखी गई और लेख पसंद आई होगी और आप यह पूरी तरह से समझ पाए होंगे कि संसाधन किसे कहते हैं  जैसा कि हमने इस लेख में जाना संसाधन की परिभाषा क्या होती है संसाधन के अर्थ तथा उनके प्रकार क्या होते हैं इन सभी विषयों को जानने के बाद मुझे पूरी उम्मीद है कि आप संसाधन के बारे में भली-भांति जान गए होंगे अगर आपकी कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट करके अपने सवाल यह सुझाव हमारे साथ साझा कर सकते हैं इस साइट पर अपना कीमती समय देने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद इस प्रकार की जानकारी को पाने के लिए आप हमारे इस ब्लॉग को suscribe कर सकते हैं।

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