रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर | Rekhachitra Aur Sansmaran Mein Antar

रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर | Rekhachitra Aur Sansmaran Mein Antar

नमस्कार दोस्तों, Allhindi.co.in में आप सभी का स्वागत हैं। आज की इस लेख में आप रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर (Rekhachitra Aur Sansmaran Mein Antar) बताया जायेगा। इस लेख में रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर के अलावा आप इन विषयों को भी पढेंगे। संस्मरण क्या हैं? रेखाचित्र क्या हैं? इस लेख में इन सभी विषयों को जानेंगे। आइये सबसे पहले जानते है की रेखाचित्र क्या हैं?

रेखाचित्र क्या हैं [ Rekhachitra Kya Hain]

रेखाचित्र का शाब्दिक अर्थ हैं – रेखाओ द्वारा निर्मित चित्र। जिस प्रकार चित्रकार रेखाओ द्वारा द्वारा किसी व्यक्ति या वस्तू विशेष का संजीव चित्र अंकित करता हैं ठीक उसी प्रकार कलाकार अपने शब्दों के मध्याम से किसी घटना, व्यक्ति, या सजीव वास्तु का चित्र अंकित करता हैं।

रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर |Rekhachitra Aur Sansmaran Mein Antar

रेखाचित्र और संस्मरण में अंतर [Rekhachitra Aur Sansmaran Mein Antar]

संस्मरण ‘ आधुनिक गद्य साहित्य की बहुत ही महत्त्वपूर्ण विधा है। संस्मरण स्मृति के आधार किसी वस्तु अथवा व्यक्ति के वैशिष्ट्य को उजागर करने वाली लिखित रचना है। इसमें लेखक तटस्थ नहीं रह पाता है। प्रश्न संस्मरण रेखाचित्र के अत्यधिक निकट है। इसलिए इन दोनों की चर्चा प्राय: साथ ही की जाती है।

  1. रेखाचित्र में किसी वस्तु, व्यक्ति या प्रसंग का अंकन किया जाता है। यह अंकन प्राय: तटस्थ रूप में होता है।
  2. रेखाचित्र में व्यक्तित्व को समग्रतः और बहुत हद तक स्थिर रूप में चित्रित करने की कोशिश होती है। जबकि संस्मरण व्यक्ति को गत्यात्मक रूप में प्रस्तुत करता है।
  3. रेखाचित्र आकृति को मोड़कर अंतः प्रकृति का अंकन करता है। संस्मरण में व्यक्ति के अतिरिक्त बाह्य घटनाओं को भी महत्त्व प्राप्त होता है।
  4. रेखाचित्र में विख्यात, अविख्यात दोनों तरह के चरित्र महत्त्व पाते हैं। संस्मरण का आधार सामान्यतः महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व होता है।
  5. रेखाचित्र के संस्मरण एक हद तक समाहित हो जाता है, पर संस्मरण में रेखाचित्र अधिकांशतः समाहित नहीं होता।

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