ल० स० और म०स०

ल० स० और म०स०

नमस्कार दोस्तों, आज कि इस विडिओ में आप ल० स० और म०स० के विषय मे बात करेंगे। इस लेख मे
आप इन सब के बारे में जान सकते है।

समापवर्तक का शाब्दिक अर्थ:- समापवर्तक का शाब्दिक अर्थ है- सम + अपवर्तक। अर्थात् संख्याओं के समान अपवर्तक (गुणनखंड)।

समापवर्तक:- संख्याओं के समान अपवर्तकों (गुणनखंडों), को उनका समापवर्तक कहते हैं।

उदाहरणार्थ:- (1) संख्या 6 और 8 के समापवर्तक बताइए।

हल:- 6 के अपवर्तक = 2 × 3

        8 के अपवर्तक = 2 × 2 × 2

उपयुक्त में केवल 2 एकमात्र उभयनिष्ठ समापवर्तक हैं।

उदाहरणार्थ:- (2) संख्या 15 और 18 का समापवर्तक बताइए।

हल:- 15 के अपवर्तक = 3 × 5

        18 के अपवर्तक = 2 × 3 × 3

उपयुक्त में केवल 3 एकमात्र उभयनिष्ठ समापवर्तक हैं।

उदाहरणार्थ:- (3) संख्या 6, 12, और 30 का समापवर्तक बताइए।

हल:-  6 के अपवर्तक = 2 × 3

        12 के अपवर्तक = 2 × 2 × 3

        30 के अपवर्तक = 2 × 3 × 5

उपयुक्त में 2 और 3 उभयनिष्ठ समापवर्तक हैं।

महत्तम समापवर्तक:- दो या दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक वह बड़ी से बड़ी संख्या होती है जो प्रत्येक दी गयी संख्या को पूरा-पूरा विभाजित करता है।

अथवा

महत्तम समापवर्तक संख्याओं का सबसे बड़ा सार्व (उभयनिष्ठ) विभाजक है।

अथवा

दो या दो से अधिक दी हुयी संख्याओं के सार्व (उभयनिष्ठ) अपवर्तकों में सबसे बड़ा (महत्तम) सार्व (उभयनिष्ठ) अपवर्तक, दी हुई संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (म. स.) कहलाता है।

अथवा

दो या दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक उन संख्याओं का लघुत्तम समापवर्तक का एक अपवर्तक गुणनखंड होता है।

उदाहरणार्थ:- (1) संख्या 13 और 39 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:- 13 के अपवर्तक = 1 × 13

        39 के अपवर्तक = 1 × 3 × 13

उपयुक्त गुणनखंड में केवल 13 एकमात्र सबसे बड़ा गुणनखंड है।

अतः 13 और 39 का महत्तम समापवर्तक 13 होगा।

उदाहरणार्थ:- (2) संख्या 18 और 24 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:- 18 के अपवर्तक = 2 × 3 × 3

        24 के अपवर्तक = 2 × 2 × 2 × 3

उपयुक्त गुणनखंड में  2 × 3 = 6 सबसे बड़ा गुणनखंड है।

अतः 18 और 24 का महत्तम समापवर्तक 6 होगा।

महत्वपूर्ण बिंदु:- सामान्यतः संख्याओं का म. स. या तो सभी संख्याओं से छोटा होता है अथवा उनमें से सबसे छोटी संख्या के बराबर होता है।

उदाहरणार्थ:- (1) संख्या 4 और 10 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:- 4 के अपवर्तक = 2 × 2

      10 के अपवर्तक = 2 × 5

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड में केवल 2 एकमात्र सबसे बड़ा गुणनखंड है। इसीलिए 4 और 10 का महत्तम समापवर्तक 2 होगा।

अतः 2 दोनों संख्याओं से छोटा हैं।

उदाहरणार्थ:- (2) संख्या 30 और 45 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:- 15 के अपवर्तक = 3 × 5

        45 के अपवर्तक = 3 × 3 × 5

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड में 3 × 5 = 15 सबसे बड़ा गुणनखंड है। इसीलिए 30 और 45 का महत्तम समापवर्तक 15 होगा।

अतः 15 दोनों संख्याओं मे सबसे छोटी संख्या के बराबर हैं।

महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधि:- 

  1. अभाज्य गुणनखंड विधि
  2. भाग विधि

अभाज्य गुणनखंड विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना:-

  1. सर्वप्रथम सभी संख्याओं के अभाज्य गुणनखंडो को देखकर उनमें से सबसे छोटा अभाज्य गुणनखंड चुनिए।
  2. वह जितनी बार सभी संख्याओं के गुणनखंडो में उभयनिष्ट हो उसे उतनी ही बार उतार लीजिए।
  3. इसी क्रम में उससे बड़े अभाज्य गुणनखंड को चुनकर वह जितनी बार सभी संख्याओं के गुणनखंड में उभयनिष्ठ हो उसे भी उतने ही बार उतार लेते हैं।
  4. इसी प्रकार सभी उभयनिष्ठ गुणनखंडो को उतार लीजिए।
  5. सभी का गुणा करके अभीष्ट म. स. ज्ञात कर लीजिए।

उदाहरणार्थ:- (1) 120 एवं 210 का महत्तम समापवर्तक गुणनखंड विधि से ज्ञात कीजिए।

हल:- 120 = 2 × 2 × 2 × 3 × 5

        340 = 2 × 2 × 5 × 17

इन दोनों के गुणनखंडो में 2 कुल 2 बार तथा 5 कुल 1 बार उभयनिष्ठ है।

अतः अभिष्ट म.स. = 2 × 2 × 5 = 20

उदाहरणार्थ:- (2) 360 एवं 384 का महत्तम समापवर्तक गुणनखंड विधि से ज्ञात कीजिए।

हल:- 300 = 2 × 2 × 3 × 5 × 5

        450 = 2 × 3 × 3 × 5 × 5

इन दोनों के गुणनखंडो में 2 कुल 1 बार, 3 कुल 1 बार तथा 5 कुल 2 बार उभयनिष्ठ है।

अतः अभिष्ट म.स. = 2 × 3  × 5 × 5 = 150

भाग विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना:-

उदाहरणार्थ:- (1) 153 तथा 315 का भाग विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:-  153) 315 (2

               – 306

               ———

                     9) 153 ( 17

                         – 9↓

                         ——

                            63

                          – 63

                          ——

                             0

                          ——

अतः संख्याओं 153 तथा 315 का अभीष्ट म.स. = 9

उदाहरणार्थ:- (1) 671, 781 तथा 1441 का भाग विधि से महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।

हल:-  671) 781 (1

               – 671

               ———

                  110) 671 ( 6

                        – 660

                         ——

                            11) 110 ( 10

                                – 11↓

                                ———

                                       0

                                       0

                                 ———

         11) 1441 (131

             – 11↓ ↓

               ———

                 34 ↓

               – 33 ↓

                ———

                    11

                  – 11

                ———

                      0

                 ———

अतः संख्याओं 153 तथा 315 का अभीष्ट म.स. = 11

समापवर्त्य का शाब्दिक अर्थ:- समापवर्त्य का शाब्दिक अर्थ है- सम + अपवर्त्य। अर्थात् संख्याओं के समान अपवर्त्य (गुणज)। 

समापवर्त्य:- संख्याओं के समान अपवर्त्यों को उनका समापवर्त्य कहते हैं।

उदाहरणार्थ:- (1) संख्या 4 और 8 के समापवर्त्य बताइए।

हल:- 4 के अपवर्त्य = 4, 8, 12, 16, 20, 24, 28, 32,……

        8 के अपवर्त्य = 8, 16, 24, 32, 40,…….

उपरोक्त में 4 और 8 के उभयनिष्ठ अपवर्त्य 8, 16, 24, 32,…. हैं।

उदाहरणार्थ:- (2) संख्या 3 और 5 के समापवर्त्य बताइए।

हल:- 3 के अपवर्त्य = 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27, 30,..

        5 के अपवर्त्य = 5, 10, 15, 20, 25, 30, 35,…….

उपरोक्त में 3 और 5 के उभयनिष्ठ अपवर्त्य 15, 30,….. हैं। 

लघुत्तम समापवर्त्य:- दो या दो से अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य वह छोटी से छोटी संख्या होती है, जो प्रत्येक दी गयी संख्या से पूरा-पूरा विभाजित हो सके।

अथवा

दो या दो से अधिक दी हुई संख्याओं के सबसे छोटा सम या सार्व (उभयनिष्ठ) अपवर्त्य को, दी हुई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्तक (ल.स.) कहते हैं।

अथवा

संख्याओं के समापवर्त्य में से सबसे छोटा समापवर्त्य ही उनका लघुत्तम समापवर्त्य (ल.स.) होता है।

अथवा

दो या अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य उन संख्याओं के महत्तम समापवर्तक का एक अपवर्त्य (गुणज) होता है।

उदाहरणार्थ:- (1) संख्या 6 और 9 के लघुत्तम समापवर्त्य बताइए।

हल:- 6 के अपवर्त्य = 6, 12, 18, 24, 30, 36, 42,………

        9 के अपवर्त्य = 9, 18, 27, 36, 45, 54…….

उपरोक्त में 6 और 9 के उभयनिष्ठ अपवर्त्य 18, 36,….. हैं।

चूँकि की सबसे छोटी उभयनिष्ठ अपवर्त्य 18 है।

अतः संख्याओं 6 तथा 9 का अभीष्ट ल.स. = 18

उदाहरणार्थ:- (2) संख्या 3 और 6 के समापवर्त्य बताइए।

हल:- 3 के अपवर्त्य = 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24,..

        6 के अपवर्त्य = 6, 12 , 18, 24, 30,….

उपरोक्त में 3 और 6 के उभयनिष्ठ अपवर्त्य 6, 12, 18, 24,…..हैं।

चूँकि की सबसे छोटी उभयनिष्ठ अपवर्त्य 6 है।

अतः संख्याओं 3 तथा 6 का अभीष्ट ल.स. = 6

महत्वपूर्ण बिंदु:- संख्याओं का ल. स. उन संख्याओं में से प्रत्येक द्वारा पूर्णतः विभाज्य होता है।

लघुत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधि:-

  1. अभाज्य गुणनखंड विधि
  2. भाग विधि

अभाज्य गुणनखंड विधि से लघुत्तम समापवर्तक ज्ञात करना:-

  1. सर्वप्रथम संख्याओं के अभाज्य गुणनखंड ज्ञात कीजिए।
  2. सभी संख्याओं के अभाज्य गुणनखंडो को देखकर सबसे छोटा गुणनखंड चुनिए वह जिस किसी संख्या में सबसे अधिक बार आया हो उसे उतनी ही बार उतार लीजिए।
  3. इसके बाद उससे बड़े अभाज्य गुणनखंड को चुनिए वह भी जिस किसी संख्या में सबसे अधिक बार आया हो उसे भी उतनी ही बार उतार लीजिए।
  4. उसके बाद बचे हुए गुणनखंडों को भी उतार लीजिए।
  5. अब सभी का गुणा कर अभीष्ट ल. स. ज्ञात कर लीजिए।

उदाहरणार्थ:- (1) 16 एवं 24 का लघुत्तम समापवर्त्य गुणनखंड विधि से ज्ञात कीजिए।

हल:- 16 = 2 × 2 × 2 × 2

        24 = 2 × 2 × 2 × 3

अतः अभिष्ट ल.स. = 2 × 2 × 3 × 2 = 24

उदाहरणार्थ:- (2) 36, 40 एवं 84 का लघुत्तम समापवर्त्य गुणनखंड विधि से ज्ञात कीजिए।

हल:- 36 = 2 × 2 × 3 × 3

        40 = 2 × 2 × 2 × 5

        84 = 2 × 2 × 3 × 7

अतः अभिष्ट ल.स. = 2 × 2 × 3 × 5 × 7 = 2520

भाग विधि से ल. स. ज्ञात करना:-

  1. सर्वप्रथम कम से कम दो संख्याओं में उभयनिष्ठ सबसे छोटी अभाज्य संख्या से सभी संख्याओं में भाग देते हुए भागफल उन संख्याओं के ठीक नीचे उतार लेते हैं।
  2. जिस संख्या में भाग नहीं जाता है उसे उसके नीचे यथावत (ज्यों का त्यों) उतार लेते हैं।
  3. इस क्रिया को तब तक करते हैं जब तक सभी संख्याओं के नीचे सह-अभाज्य संख्याएं अर्थात् 1 न आ जाए।
  4. इस प्रकार प्राप्त सभी भाजक संख्याओं तथा अंतिम पंक्ति की सह-अभाज्य संख्याओं का परस्पर गुणा करके अभीष्ट ल. स. प्राप्त कर लेते हैं।

उदाहरणार्थ:-

महत्वपूर्ण बिंदु:- दो या दो से अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य उनमें से किसी से भी छोटा नहीं हो सकता। वह उनमें से सबसे बड़ी संख्या के बराबर हो सकता हैं या उन दोनों से विभाजित हो सके ऐसी संख्या होगी।

उदाहरणार्थ:- (1) 4 और 8 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए।

हल:- 4 = 2 × 2 

        8 = 2 × 2 × 2

   ल.स. = 2 × 2 × 2 = 8

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड का अभीष्ट ल.स. 8 है। जो दी गयी संख्याओं में से बड़ी संख्या के बराबर है।

उदाहरणार्थ:- (2) 56 और 70 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए।

हल:- 56 = 2 × 2 × 2 × 7

        70 = 2 × 5 × 7

     ल.स. = 2 × 2 × 2 × 5 × 7 = 280

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड का अभीष्ट ल.स. 280 है। जो दी गयी संख्याओं से बड़ा है। 

महत्वपूर्ण बिंदु:- किन्हीं सह-अभाज्य संख्याओं अथवा अभाज्य संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य उन संख्याओं के गुणनफल के बराबर होता है।

उदाहरणार्थ:- (1) 7 और 12 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए।

हल:- 7 = 1 × 7

      12 = 1 × 2 × 2 × 3

   ल.स. = 2 × 2 × 3 = 12

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड का अभीष्ट ल.स. 12 है। जो दी गयी संख्याओं से बड़ा है।

उदाहरणार्थ:- (2) 8 और 15 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए।

हल:- 8 = 2 × 2 × 2

      15 = 3 × 5

   ल.स. = 2 × 2 × 2 × 3 × 5 = 120

चूँकि उपयुक्त गुणनखंड का अभीष्ट ल.स. 120 है। जो दी गयी संख्याओं से बड़ा है।

दो संख्याओं के महत्तम समापवर्तक और लघुत्तम समापवर्त्य में संबंध:- दो संख्याओं के म. स. और ल. स. का गुणनफल दोनों संख्याओं के गुणनफल के बराबर होता हैं।

म.स. × ल.स. = प्रथम संख्या × द्वितीय संख्या

म.स. = (प्रथम संख्या × द्वितीय संख्या)/ल.स.

ल.स. = (प्रथम संख्या × द्वितीय संख्या)/म.स.

प्रथम संख्या = (म.स. × ल.स.)/द्वितीय संख्या

द्वितीय संख्या = (म.स. × ल.स.)/प्रथम संख्या

उदाहरणार्थ:- (1) दो संख्याओं का म.स. 18 तथा ल.स. 504 है। यदि एक संख्या 72 है, तो दूसरी संख्या ज्ञात कीजिए।

हल:- म.स. = 18,     ल.स. = 504,      प्रथम संख्या = 72

द्वितीय संख्या = (म.स. × ल.स.)/प्रथम संख्या

  = (18 × 504)/72

                               = 18 × 7

                               = 126

उदाहरणार्थ:- (1) 117 और 221 का ल.स. ज्ञात कीजिए।

हल:- 117) 221 ( 1

              – 117

               ———

                 104) 117 ( 1

                       – 104

                        ———

                           13) 104 (8

                               – 104

                                ———

                                    0

                                ———

अतः म.स. = 13

ल.स. = (प्रथम संख्या × द्वितीय संख्या)/म.स.

                    = (117 × 221)/13

                    = 9 × 221

                    = 1989

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